हस्तरेखा में विवाह संबंधी मामलों के लिए तीन बिंदुओं पर विचार किया जाता है. पहला विचार कनिष्ठा उंगली के नीचे समानांतर रूप से स्थित रेखा से करते हैं. दूसरा विचार हाथ में स्थिति शुक्र और चंद्र पर्वत की स्थिति से करते हैं. बृहस्पति पर्वत की स्थिति से लिया जाता है. विवाह रेखा का स्वरुप और पर्वतों की स्थिति तथा पर्वतों के चिन्ह विवाह संबंधी सारी उलझनों को सुलझा सकते हैं.