चाल चक्र में आज आपको बताएंगे. आश्विन मास के कृष्णपक्ष का सम्बन्ध पितरों से होता है इस मास की अमावस्या को पितृ विसर्जन अमावस्या कहा जाता है. इस दिन धरती पर आये हुए पितरों को याद करके उनकी विदाई की जाती है. अगर पूरे पितृ पक्ष में अपने पितरों को याद न किया गया हो तो, केवल अमावस्या को उन्हें याद करके दान करने से और निर्धनों को भोजन कराने से पितरों को शान्ति मिलती है. इस दिन दान करने से पितरों का आर्शीवाद मिलता है, साथ ही जीवन की अज्ञात बाधाएं दूर होती हैं. इस बार पितृ विसर्जन अमावस्या 19 सितम्बर को है.