चाल चक्र में आज आपको बताएंगे पितृपक्ष में कौन से दोष दूर किए जा सकते हैं और क्यों? पितृपक्ष का सम्बन्ध पूर्वजों और पितरों से होता है. वे सूक्ष्म शरीर में आकर अपने लोगों की श्रद्धा ग्रहण करते हैं. साथ ही अपने लोगों को आशीर्वाद भी देते हैं. पूर्वजों और पितरों का सम्बन्ध मुख्यतः राहु केतु से होता है . कुछ अंश में इनका सम्बन्ध सूर्य चंद्र और बृहस्पति से भी होता है. अगर कुंडली में इनसे सम्बंधित योग हों तो इसका निराकरण इस समय बहुत सरलता से हो सकता है. गुरु चांडाल दोष और ग्रहण योग के निराकरण के लिए यह सर्वोत्तम अवसर होता है.