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चाल चक्र: पाप नाश की योगिनी एकादशी का महत्व

चाल चक्र: पाप नाश की योगिनी एकादशी का महत्व

चाल चक्र में आज आपको बताएंगे क्या है योगिनी एकादशी और क्या है इसका महत्व? आषाढ़ कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है. यह एकादशी पाप के प्रायश्चित के लिए विशेष मानी जाती है. इस दिन श्री हरि के ध्यान भजन और कीर्तन से पापों से मुक्ति मिलती है. कहा जाता है कि अगर इस दिन उपवास रक्खा जाय और साधना की जाय तो हर तरह के पापों का नाश होता है. यहां तक कि पीपल के वृक्ष काटने का पाप भी नष्ट हो जाता है. इस बार योगिनी एकादशी 20 जून को है. क्या है विधि योगिनी एकादशी के उपवास की ? प्रातःकाल स्नान करके सूर्य देवता को जल अर्पित करें. इसके बाद पीले वस्त्र धारण करके भगवान विष्णु की पूजा करें. उन्हें पीले फूल , पंचामृत और तुलसी दल अर्पित करें. इसके बाद श्री हरि और माँ लक्ष्मी के मन्त्रों का जाप करें. किसी निर्धन व्यक्ति को जल का , अन्न-वस्त्र का , या जूते छाते का दान करें. केवल जल और फल ग्रहण करके ही उपवास रखें. अच्छे स्वास्थ्य और मानसिक समस्याओं से मुक्ति के लिए क्या करें? 

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