अयोध्या में राम मंदिर की वकालत कर रहे शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड की नई चिट्ठी ने हंगामा मचा दिया है. चिट्ठी में शिया वक्फ बोर्ड ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को नौ इमारतों के नाम दिए हैं, शिया बोर्ड का कहना है कि ये हिंदू इमारतें थीं, जिन्हें कब्ज़ा कर के मस्जिदें बना दी गईं, लिहाज़ा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ये इमारतें हिंदुओं को दे दे. लिस्ट में अयोध्या के राम मंदिर के साथ साथ काशी की ज्ञानवापी मस्जिद और दिल्ली की कुतुबमीनार का नाम भी है. वसीम रिजवी की चिट्ठी को पर्सनल लॉ बोर्ड के जफरयाब जिलानी ने जुर्म करार दिया है. संसद में पास 1991 के एक क़ानून का हवाला देकर वो कह रहे हैं कि जिस पूजास्थल की जो हैसियत 1947 में थी उसे बदला नहीं जा सकता. उधर पर्सनल लॉ बोर्ड से बाहर कर दिए गए सलमान नदवी ने अपना अलग मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड बनाने के संकेत भी दिए थे, यानि इशारा ये कि राम मंदिर के समामले पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड टूट भी सकता है और इस सबके बीच आर्ट आफ लिविंग के श्री श्री रविशंकर लगातार अयोध्या मामले के पक्षकारों से मिल रहे हैं ताकि मंदिर का मसला अदालत के बाहर ही हल हो सके.