कांग्रेस की अगुवाई में 7 पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ़ महाभियोग का प्रस्ताव राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को सौंप दिया है. पहली बार किसी मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ लाए जा रहे इस प्रस्ताव पर 71 सांसदों के दस्तखत हैं. कांग्रेस का कहना है कि पांच बिंदुओं के आधार पर ये फैसला लिया गया कि चीफ जस्टिस के खिलाफ़ महाभियोग लाया जाए. लेकिन सवाल ये है कि क्या कांग्रेस जजों को डराना चाहती है ? वित मंत्री अरुण जेटली ने ये सवाल उठाय़ा है. जेटली का कहना है कि लोया केस में हार का बदला लेने के लिए कांग्रेस ने ये महाभियोग प्रस्ताव आगे बढ़ाया है. कांग्रेस ने जिन चार जजों की प्रेस कांफ्रेंस को महाभियोग का एक आधार बताया है, उन्हीं में से एक जज जस्टिस चेलमेश्वर का कहना है कि महाभियोग हर समस्या का हल नहीं हो सकता. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी महाभियोग प्रस्ताव से खुद को दूर रखा है. कांग्रेस के नेता सलमान खुर्शीद भी कोर्ट के काम पर राजनीति के खिलाफ़ हैं.