कोरोना के संकटकाल में दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने अस्पतालों का बंटवारा कर दिया है. केजरीवाल सरकार की कैबिनेट ने फैसला किया है कि दिल्ली के अस्पताल, चाहे वो सरकारी हों या निजी उनमें अब सिर्फ दिल्लीवालों का ही इलाज होगा. दिल्ली में मौजूद सिर्फ केंद्र के अस्पतालों में दिल्ली से बाहर वालों का इलाज होगा. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि दिल्ली सरकार ने इस पर लोगों से राय मांगी थी और 90 फीसदी से अधिक लोगों ने अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली वालों के इलाज का पक्ष रखा. बीजेपी केजरीवाल के फैसले को तुगलकी बता रही है. एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया भी फैसले से सहमत नहीं है.