सेना के जवानों के बच्चे देश के सैनिकों के मानवाधिकार के लिए आयोग के पास गए तो जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला को पत्थरबाजों का मानवाधिकार याद आ गया. अब्दुल्ला का कहना है कि सैनिकों के बच्चे मानवाधिकार आयोग जाएं, ठीक है, लेकिन हमारे जिन बच्चों को सेना मार रही है. उनके मानवाधिकार का क्या? इसके पहले जम्मू कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती विधानसभा के अंदर सेना के खिलाफ एफआईआर कराने के लिए अपनी ही पीठ थपथपा चुकी हैं. मुफ्ती की सहयोगी बीजेपी के नेता, विधानसभा और टीवी पर तो चीख चीख कर कहते रहे कि सेना के सम्मान से समझौता नहीं होने दिया जाएगा – पर असल में ये नूरा कुश्ती ही निकली. लेकिन फारूख अब्दुल्ला के इस बयान ने एक बार फिर बहस छेड़ दी है.