15 दिसंबर 2019 को जामिया मिल्लिया इस्लामिया की हिंसा पर कौन सच्चा है और कौन झूठा ? चार वीडियो सामने आए हैं, 2 में पुलिस कटघरे में है और 2 में सवाल उठ रहा है कि क्या छात्रों के बीच पत्थरबाज थे. आप इन चारों वीडियोज को देखिए, इन चारों वीडियों पर आजतक किसी तरह की कोई टिप्पणी नहीं करता बल्कि जो इनमें दिख रहा है वो आपके सामने रख रहा है और उनसे उठे सवालों को उठा रहा है. वैसे दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाती वीडियोज की परिस्थितियां जो भी हों लेकिन ये तो साफ दिख रहा है कि पुलिस ने लाइब्रेरी में लाठीचार्ज किया. तो क्या पुलिस झूठ बोल रही थी? छात्रों का गुट कहता है कि उन्होंने हिंसा नहीं की तो फिर उनके बीच पत्थरबाज कौन थे? ये सवाल भी अहम है. इसीलिए आज की बहस का मुद्दा है, किसका सबूत, सबसे मजबूत?