तेल का दाम आसमान छू रहा है, लेकिन केंद्र सरकार के फैसले के बाद आम आदमी को थोड़ी राहत मिली है. केंद्र ने ढाई रुपए की राहत दिलाई, तो कई बीजेपी राज्यों ने भी लगभग इतनी छूट दे दी. कल के फैसले के पहले सरकार कह रही थी कि तेल के दाम पर उसका कोई नियंत्रण नहीं है, हालांकि सरकार ने अभी भी दावा किया है कि कीमतें डी-रेगुलेटेड ही हैं, मतलब तेल कंपनियां ही कीमतों पर फैसला करेंगी. लेकिन विपक्ष ने सवाल उठा दिया है कि सरकार चार राज्यों में होने वाले चुनाव को देखकर झुनझुना पकड़ा रही है.
Opposition slams Centre over late slash in petrol and diesel prices, calls it election stunt.