जम्मू-कश्मीर में आखिरकार बीजेपी ने पीडीपी से रिश्ता तोड़ लिया और वहां जो सियासी हालात बने हैं उसके बाद लगभग तय है कि राज्यपाल शासन ही लगेगा. बीजेपी ने आज जब पीडीपी के साथ गठबंधन को तोड़ने का फैसला किया तो ये माना है कि वहां सुरक्षा के हालात ठीक नहीं है और विकास के काम भी सही ढंग से नहीं चल रहे. लेकिन इस फैसले का ऐलान करते हुए बीजेपी ने वहां की नाकामी का ठीकरा महबूबा मुफ्ती और उनकी पार्टी पीडीपी पर फोड़ा है. 2015 में जब से बीजेपी ने पीडीपी के साथ साझा सरकार बनायी कई ऐसे मसले रहे जिसमें दोनों पार्टियां अलग-अलग दिखीं लेकिन गठबंधन सरकार चलाने के नाम पर बीजेपी ने महबूबा की मांगों की तरजीह दी. अब जब पार्टी ने अचानक गठबंधन तोड़ने का फैसला किया है तो क्या इससे बीजेपी को सियासी फायदा होगा? क्या ये कदम 2019 के पहले बीजेपी का मास्टरस्ट्रोक साबित होगा?