झारखंड की एक योग सिखाने वाली लड़की और कट्टरपंथी मौलानाओं के बीच. रांची की राफिया नाज़ कट्रटरपंथी मौलानाओं को निशाने पर हैं. इस लिए क्योंकि वो योग सिखाती हैं. राफिया को धमकियां दी गईं. फेसबुक पर उलटी सीधी बातें लिखी गई. उनके घर पर पत्थर फेंके गए. हालात यहां तक आ गए कि राफिया को राज्य सरकार से सिरक्षा की गुहार लगानी पड़ी. अब राफिया पहरे में चलती हैं. जिस देश ने दुनिया भर को योग का पाठ पढ़ाया, उसी देश में एक लड़की को योग सिखाने के लिए सरकारी सुरक्षा के दायरे में रहना पड़े, सुनने में अजीब लगता है. लेकिन ये सच है कि योग दिवस से शुरू हुआ मौलानाओं और योग के बीच का विवाद अभी तक थमा नहीं है. आखिर ऐसा क्यों है कि जिस राफिया पर देश को नाज़ होना चाहिए, उस राफिया पर मौलाना ऐतराज़ कर रहे हैं? क्यों देश के किसी शहर में किसी एक लड़की के योग सिखाने से मौलानाओं की कुर्सी खतरे में आ जाती है? क्यों राफिया के योग से कट्टरपंथियों को रोग हो गया है? और दुनिया का ऐसा कौन सा धर्म है जो किसी को सेहतमंद रहने के लिए व्यायाम करने से भी रोकता हो ?