जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू हो गया है. यानी अब राज्यपाल एन एन वोहरा के जरिये एक तरह से मोदी सरकार ने सीधे वहां की कमान संभाल ली है. 2015 से अब तक पीडीपी-बीजेपी सरकार के दौरान जहां पीडीपी हीलिंग टच की बात करती थी तो बीजेपी विकास के साथ-साथ दहशतगर्दों के ऑल आउट की वकालत करती थी. इसका नतीजा ये हुआ कि सेना के ऑपरेशन ऑल आउट की सफलता के बावजूद वहां के हालात नहीं बदले. इसीलिए अब जब राज्यपाल शासन लागू हो गया है तो क्या मोदी सरकार कम से कम कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्थता को काबू में रख सकेगी? और क्या इसके लिए एक्शन का सही संदेश दिया जा सकेगा? पीडीपी से नाता तोड़ने के बाद आज रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने शहीद औरंगजेब के घरवालों से मुलाकात की है. आतंकियों के हाथों से हुई शहीद औरंगजेब की हत्या पर उनका परिवार सरकार से बदला लेने की मांग कर रहा है. वैसे राज्य में पीडीपी-बीजेपी गठबंधन टूटने के बाद पहले ही एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने पुलवामा के त्राल में 3 आतंकियों को मार गिराया है. केंद्र सरकार ने भी कामयाब एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाने वाले IAS बीवीआर सुब्रमण्यम को जम्मू-कश्मीर का प्रभारी मुख्य सचिव बनाया है.?