मदरसों को लेकर आज उस सरगर्मी से सियासी गोले दागे जा रहे हैं जितने शायद इससे पहले कभी विवाद नहीं रही होंगे. आखिर धार्मिक शिक्षा के नाम पर कट्टरपंथ की तालीम परोस रहे मदरसे सरकारी सिस्टम से क्यों नहीं चलना चाहते - क्या मदरसों को विदेशी फंडिग और आतंक की पाठशाला का सच इन्हें ऐसा करने से रोका देता है. एक दिन पहले आजतक ने दिखाया था कि केरल के मदरसों में कैसे वाया दुबई साजिश का भरपूर पैसा आ रहा है तो यूपी के शिया वक्फ बोर्ड ने सीधे मोदी को खत लिखकर मदरसों की शिक्षा पर ताला लगाने की गुहार लगाई थी.