मायावती ने साफ कर दिया है कि समाजवादी पार्टी के साथ बीएसपी का गठबंधन होकर रहेगा ताकि 2019 में मोदी सरकार को हटाया जा सके. अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी से गेस्ट हाउस कांड की कड़ुवाहट भुला चुकी मायावती ने साफ कहा है कि समाजवादी पार्टी के साथ बीएसपी के साथ को पूरा देश पसंद कर रहा है. वैसे तो राज्यसभा चुनाव में बीएसपी उम्मीदवार की हार के बाद बीजेपी ने SP-BSP दोस्ती पर तंज कसा था लेकिन क्या मायावती के मौजूदा रुख के बाद वाकई यूपी में बीजेपी के लिए वैसी ही मुश्किल आ गई है जैसा कि अनुमान लगाया जा रहा है? क्या दलित वोटों को पूरी तरह बीजेपी के खिलाफ कर लेने का मायावती का दावा सच साबित होगा? क्या यूपी में मोदी के खिलाफ माया-अखिलेश का एक साथ आना पूरे देश में एनडीए के खिलाफ विपक्ष की एकजुट लड़ाई का खाका खींच रहा है? उधर, मोदी के खिलाफ विपक्षी एकता की कोशिशों के तहत ममता बनर्जी भी आज दिल्ली पहुंच रही हैं.