मुस्लिम महिलाओं के हक को लेकर एक बार फिर सरकार और मुस्लिम संगठन आमने-सामने आ सकते हैं. इस बार मुताह, मिस्यार निकाह, हलाला और बहुविवाह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका डाली गई है. वैसे तो ये याचिका हैदराबाद के एक व्यक्ति ने दाखिल की है, लेकिन याचिकाकर्ता के वकील अश्विनी उपाध्याय हैं जो बीजेपी से जुड़े हुए हैं. अभी पिछले साल ही सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया था। इस मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने तीन तलाक को मुस्लिम महिलाओं से नाइंसाफी बतायी थी. सरकार तीन तलाक को आपराधिक बनाने वाला एक कानून भी पास कराना चाहती है. अब सवाल ये है कि मुस्लिम महिलाओं के हक को लेकर सरकार क्या वाकई बेहद गंभीर है या फिर 2019 के लिए मुस्लिम महिलाओं के मुद्दे उछालकर सिर्फ सियासी फायदे उठाने की कोशिश की जा रही है?