हर राजनीतिक दल भ्रष्टाचार से लड़ने का दावा करता है, लेकिन क्या हमारे नेता राजनीतिक चंदों में पारदर्शिता को लेकर गंभीर नहीं हैं? ये सवाल आज इसलिए पूछना पड़ रहा है क्योंकि सरकार ने FCRA एक्ट में ऐसा बदलाव किया है जिसके बाद 1976 से मिले किसी चंदे की स्क्रूटनी नहीं होगी.