दलित आंदोलन के नाम पर हुई हिंसा से देश अब तक सदमे में है. कल जैसी अराजकता तो आज नहीं दिखी लेकिन कई जगहों पर माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. हालात का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि आज भी राजस्थान के करौली में एक बीजेपी विधायक और पूर्व विधायक के घरों को आग लगा दी गई. तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि कैसे उपद्रवियों ने कानून को ताक पर रखकर बंदूकें लहरायी, आगजनी की, मारपीट की. यहां तक कि एंबुलेंस को भी रास्ता नहीं दिया गया. पुलिस-प्रशासन इन दंगाइयों को रोक तो नहीं सका लेकिन क्या इन्हें कानून तोड़ने की सजा मिलेगी? ग्वालियर प्रशासन अब तक पिस्तौल लहराने वाले राजा सिंह चौहान पर अब तक सिर्फ केस दर्ज कर सका है. वैसे दलित आंदोलन के नाम पर हुई इस हिंसा पर राजनीति शुरू हो गई है। बीजेपी के लिए ये कांग्रेस, एसपी और बीएसपी जैसी पार्टियों की साजिश है तो कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार दलितों को इंसाफ दिला ही नहीं सकती.