अयोध्या में भगवान राम की जन्मस्थली पर प्रस्तावित मंदिर के लिए समझौते का रास्ता खोलने में जुटे आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर के प्लान को पलीता लग सकता है. आज तक के स्टिंग में में निर्मोही अखाड़े के महंत दिनेंद्र दास – मंदिर बनाने के लिए जगह छोड़ने को, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को बीस करोड़ रूपए तक देने की बात कह रहे हैं. सुन्नी वक्फ़ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े की इस लड़ाई के बीच – नप गया विश्व हिंदू परिषद. आज तक के कैमरे पर पोल खुलने के बाद – निर्मोही अखाड़े ने गेंद अपने पाले से वीएचपी के पाले में फेंक दी और सवाल उठा दिया कि मंदिर के नाम पर इकट्ठा हुए चौदह सौ करोड़ रूपए का क्या हुआ, विश्व हिंदू परिषद इस पर पपहले सफ़ाई दे और ये सब तब है – जब श्री श्री रविशंकर अब तक सारे पक्षकरों से मिल भी नहीं पाए हैं. श्री श्री पहले ही कह चुके हैं कि उनके पास मंदिर बनाने के लिए की फॉर्मूला नहीं है, लेकिन वो सारे पक्षों को बातचीत की एक टेबल पर लाना चाहते हैं.