आज तक आपको लगातार दिखा रहा है, देश की सबसे बडी अदालत में मचे सबसे बड़े घमासान पर सबसे बड़ी कवरेज. देश के इतिहास में पहली बार, सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने, मीडिया के सामने आ कर अपनी शिकायतें रखी हैं. वो भी ये कहते हुए कि उन्हों चीफ जस्टिस के सामने अपनी बात रखी थी, लेकिन जब उन्हें वहां से जवाब नहीं मिला, तो उन्हें सार्वजनिक तौर पर ये बातें कहनी पड़ीं. सात पन्नों की चिट्ठी में जजों ने कई अहम सवाल उठाए हैं. और आरोप लगाया है कि न्याय व्यवस्था की खामियों की वजह से देश का लोकतंत्र खतरे में है. बीजेपी चुप है. सरकार कह रही है कि अदालत का मामला है, अदालत की चारदीवारी के अंदर ही सुलझ जाए तो बेहतर. कांग्रेस को लगता है जजों का ऐसे सामने आना देश के लिए चिंता की बात है और जो मामले उठाए गए हैं – उन पर गंभीरता से चिंतन होना चाहिए.