बड़े दिनों के बाद चिट्ठी आई है. कोरोना काल में मुसलमानों को कथित उत्पीड़न से बचाने की गुहार वाली ये चिट्ठी 101 पूर्व नौकरशाहों ने लिखी है. इस चिट्ठी का मजमून ये है कि तबलीगी जमात के मामले के बाद मुसलमानों के खिलाफ माहौल बनाया गया जिससे वो भेदभाव के शिकार हो रहे हैं. चिट्ठी में तब्लीगी जमात की आलोचना है लेकिन कहा गया है कि सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन अकेले जमात ने नहीं किया. गौरतलब ये है कि ये चिट्ठी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीजेपी पर सांप्रदायिकता पर वार की तारीख एक ही है. कल 23 अप्रैल को सोनिया गांधी ने कहा था कि सांप्रदायिकता के वायरस को फैलाया जा रहा है, तो वहीं 101 पूर्व नौकरशाहों की चिट्ठी भी राज्यों को कल ही लिखी गई. सवाल ये कि ये चिट्ठी चिंतन से निकली है या राजनीति से ?