बात बंद है और सियासत जारी. इसीलिए 67 दिन से चल रहे किसान आंदोलन में समाधान कम दिख रहा है और घमासान ज्यादा. मुद्दे कहीं पिछड़ गए हैं और सियासी समीकरण सबसे आगे दौड़ते दिख रहे हैं. इन दो महीनों में आंदोलन की आग लाखों दिलों में धधकी है, लेकिन क्या अब दिमाग उन दिलों पर हावी होने लगा है. दिल्ली से सटी सीमाओं पर किसान अपनी मांगों को लेकर पिछले दो महीने से अड़े हैं और सरकार अपने तर्कों पर. इस बीच मुलाकातें हुईं, बातें हुईं लेकिन समस्या के समीकरण इतने उलझे हैं कि सुलझने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. हर सुबह उम्मीदों का सूरज उगता है लेकिन शाम होते होते आशंकाओं का साया फिर छाने लगता है. फिलहाल हालात ये हैं कि दिल्ली की सीमाओं पर इंटरनेट बंद कर दिया गया है, पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है, साथ ही कई और रास्तों को बंद कर दिया गया है. आखिर कब थमेगी किसान आंदोलन पर सियासत, देखें दंगल, सईद अंसारी के साथ.