आज एक ओर किसान संगठनों से सरकार की बातचीत चल रही है, जहां सूत्रों के मुताबिक कृषि कानूनों पर गाड़ी वहीं की वहीं अटकी है. दूसरी तरह आज किसानों के नाम पर कांग्रेस ने देशभर में अपना शक्ति प्रदर्शन किया. दिल्ली में सड़कों पर उतरे राहुल गांधी ने आज किसान कानूनों के बहाने मोदी सरकार को 4-5 उद्योगपति मित्रों का दोस्त बता दिया. ये पहली बार नहीं है कि राहुल गांधी ने मोदी सरकार को कुछ उद्योगपतियों की सरकार कहा है. वो हमेशा से कहते रहे हैं कि ये सूट-बूट की सरकार है. ऐसे में आज दंगल का मुद्दा है कि क्या किसानों का ये आंदोलन पूरी तरह राजनीतिक हो गया है? क्या किसानों के नाम पर कांग्रेस अपनी राजनीति को खड़ा करने की कोशिश कर रही है? किसान का नाम, सूट-बूट पर संग्राम?