साल 1999 में जब वाजपेयी जी बस से लाहौर गए थे, तब उन्होंने एक ऐतिहासिक बात कही थी. उन्होंने बोला था कि आप दोस्त बदल सकते हैं, पड़ोसी नहीं. वाजपेयी जी की ये बात आज भी उतनी ही सच है. पाकिस्तान में निजाम बदल गया है, लेकिन पाकिस्तान की नीयत नहीं बदली है, उसके लिए कश्मीर का रोना सबसे बड़ी सियासी मजबूरी है. ऐसे में सवाल उठता है शहबाज शरीफ के आने से क्या पाकिस्तान शरीफ होगा? क्या दोनों देशों में बातचीत होगी? क्या कुछ बदलेगा? आज दंगल में इसी मुद्दे पर करेंगे चर्चा.