जम्मू-कश्मीर पर सरकार के कल के ऐतिहासिक फैसले के बाद आज लोकसभा में राज्य के पुनर्गठन पर बहस हो रही है. लेकिन जब ये बहस हो रही है तो आज जम्मू-कश्मीर के उस हिस्से का जिक्र भी आ गया जो पाकिस्तान और चीन के कब्जे में है. पीओके और अक्साई चिन का ये जिक्र इसलिए आ गया क्योंकि कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने ये कहकर भूचाल मचा दिया कि 1948 से कश्मीर की मॉनीटरिंग यूएन कर रहा है, साथ ही शिमला समझौते और लाहौर घोषणापत्र से कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण हो गया है. हालांकि अधीर रंजन के बयान के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने ये साफ किया कि पीओके और अक्साई चीन पर भारत का दावा ना खत्म हुआ है और ना होगा. लेकिन इसी के साथ सवाल उठ गया है कि अनुच्छेद 370 तो संवैधानिक व्यवस्था से ही हट गया लेकिन पीओके और अक्साई चीन कैसे वापस लेंगे?
The discussion over Jammu and Kashmir re-organisation bill in underway in Lok Sabha. During the discussion, Congress MP Adhir Ranjan said that since 1948, Kashmir has been under the monitoring mechanism of the United Nations. Pakistan occupied Kashmir and Aksai Chin were also mentioned in the debate. The mention of POK and Aksai Chin has raised a question that Article 370 has been removed through constitutional system, but how would we get POK and Aksai Chin back?