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10 तक: ये है दिल्ली- गई मेरी जान!

10 तक: ये है दिल्ली- गई मेरी जान!

एक ऐसा शहर जहा सांस लेना हो चला है मुश्किल. एक ऐसा शहर जहां नजरें खुली तो आंखों में होगी जलन. एक ऐसा शहर जिसके फेफड़ों में समाया है जहरीला धुआं. एक ऐसा शहर जहां जिन्दगी पर मौत भारी है. और दुनिया के सबसे प्रदूषित बनते जा रहे इस शहर का नाम है दिल्ली. जो तय करती है देश की किस्मत. पर इसकी अपनी किस्मत में है जहरीला धुआं.ये ना तो कोहरा है. ना कुहासा. ना ही धुंध है. ना ही मौसम की मार है. ये ऐसा प्रदूषण है जो गहराया तो पंजाब-हरियाणों के खेतों में जलाई जाती सूखी जड़ों से है. पर ये हवा गैस चैंबर में तब्दील होते दिल्ली के उस ताबूत में ठोकी जा रही कील की तरह है जिस ताबूत को हमने-आपने ही बनाया है. देखिए 10 तक की खास पेशकश...

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