कहते तो हैं कि पैरों का जमीन पर होना अच्छा होता है लेकिन आज ये किसी भी भारतीय के लिए मुनासिब ही नहीं रहा. आज हम सब चांद को छूने की उल्फत में खोए हुए हैं. आज हमारा चंद्रयान वो कमाल हासिल करने वाला है जो आज से पहले दुनिया के ताकतवर से ताकतवर देश के लिए सपना था. चंद घंदे बाद हमारा चंद्रयान चांद के दक्षिणी ध्रुव की सतह को चूमने वाला है. ये वो यात्रा है जिसके हासिल होने से हिंदुस्तान ने संसार को अपने इरादों का आसमानी पता भेजा है. धरती, सागर, जंगल, लहरों और वायुमंडल से बहुत दूर उस दहलीज पर रखा है हमने अपना कदम जिसके दरीचे से झांक रहा है हमारा हुनर, हमारी आशा, हमारा ज्ञान, हमारा विज्ञान, हमारा चंद्र यान. देखें 10 तक का ये एपिसोड.