दिल्ली में हिंसा की आग तो थम गई है लेकिन सियासत नहीं. आज 10 तक में दिखाएंगे उन सियासतों की कहानी. लेकिन पहले बात करेंगे उस हिम्मत की कहानी की जो घरों को लूट लिए जाने, दुकानों को जला दिए जाने और 40 से ज्यादा हत्याओं के बाद भी कह रहे हैं छोड़ो कल की बातें. फिर से जलाते हैं उम्मीदों का दीया. ऐसे लोग पहरा दे रहे हैं, एक दूसरे की मदद कर रहे हैं और मिल जुलकर बिखरी हुई जिंदगी को समेट रहे हैं. देखिए 10 तक सईद अंसारी के साथ.