एक तरफ जहां दिल्ली में देशद्रोह तक की बात उठ रही हैं तो वहीं कश्मीर में सरकार बनाने की कवायद चल पड़ी है. राम माधव ने महबूबा मुफ्ती के साथ मुलाकात की. आखिर दस्तक में सवाल यही है कि राष्ट्रधर्म क्या कहता है? इस सबके बीच क्या लोकतंत्र डगमगा रहा है?