किसानों की खुदकुशी के आंकड़े साल 1995 के बाद से जारी किए जा रहे हैं, लेकिन किसी ने यह नहीं सोचा होगा कि आखिरकार किसान खुदकुशी का रास्ता क्यों चुन रहे हैं. किसी ने किडनी बेच दी तो किसी ने खुद को बेचा.