देश में भले ही नोटबंदी हो गई हो. आज भले ही विपक्ष सत्ता पर मुखरता से प्रहार कर रहा हो कि उसने देश के उद्योगपतियों से चंदे में करोड़ों लिए. राहुल गांधी भले ही सत्ता पर हमलावर हों. शायरियां पढ़ रहे हों लेकिन 10 तक में आज विशेष तौर पर देखिए कि सत्ता और विपक्ष किस तरह की जुगलबंदी के तहत चल रहे हैं.