मंत्रिमंडल विस्तार कल के बाद कभी भी हो सकता है. कई मंत्रालय खाली हैं. वेंकैया नायडू, मनोहर पर्रिकर, अनिल दवे की जगह खाली है तो सुरेश प्रभु भी रेल मंत्रालय खाली कर सकते हैं. बात अगर रेलवे की करें तो भारतीय रेल की रफ्तार, पटरियों का विस्तार न तो अंग्रेजों को मात दे सकी, न बढ़ती जनसंख्या को. तो लाइफलाइन कैसे जानलेवा होती गई इसके बारे में किसी ने नहीं सोचा. देश के सामाजिक आर्थिक हालात में सिमटे 90 फिसदी हिन्दुस्तान की जरूरत रेल ही है. रेल मंत्री मंत्री का इस्तीफा होगा या नहीं इसी कयास में किसी और दुर्घटना की कोई और खबर ना आ जाये. दूसरी तरफ, मध्य प्रदेश में 1992 में स्थापित माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय शुरू तो इसलिए किया गया था ताकि छात्र यहां तेजी से बदलती पत्रकारिता के हर आयाम से रूबरू हों और हर बारीकी सीखें, लेकिन 2018 से यूनिवर्सिटी के छात्र पत्रकारिता में चाहे सीखें-गौशाला प्रबंधन जरूर सीख सकते हैं क्योंकि विश्वविद्याल परिसर में गौशाला बनने जा रही है. दिन भर की महत्वपूर्ण खबरों का विश्लेषण देखिए 10 तक में...