आंगनबाड़ी केन्द्र पर लगा ये ताला सिर्फ दोपहर का खाना न मिलने पर बच्चों की कहानी भर नहीं कहता. ये ताला डेढ़ हजार गरीब किसानों के दर्द भर को भी नहीं बताता, जिनके बच्चों को खाना नहीं मिला वे भूखे हैं. दरअसल ये ताला उस सिस्टम का प्रतिक है, जिसमें समाज के आखरी व्यक्ति तक पहुंचने का दंभ सत्ता सिस्टम भरती है. आंगनबाड़ी केन्द्र बनाकर सुबह का नाश्ता और दोपहर में पौष्टिक भोजन देने की बात कही जाती है. और आंगनबाड़ी चलाने वालों को एक दिन का मेहनताना मनरेगा मजदूर से भी कम मिलता है.