गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना की दूसरी किश्त यानी करीब 60 हजार रुपए इसलिए नहीं मिल पा रहे क्योंकि खाते में एक लाख रुपए से ज्यादा एक बरस में जमा नहीं हो सकते. लेकिन-नोटबंदी के दौर में लाखों करोड़पतियों ने लाखों जनधन खातों के आसरे अपने करोड़ों रुपए के कालेधन को सफेद कर लिया या कहें नोट बदल लिए और अब आराम से घूम रहे हैं तो दोष किसे दिया जाए.