देश का प्राइवेट सेक्टर का चौथा सबसे बड़ा बैंक यस बैंक डूबने की कगार पर है. बैंक के शेयर लगातार लुढ़कते जा रहे हैं. उम्मीद यस बैंक से हो ना हो लेकिन सरकार से अभी बाकी है कि जिनका पैसा यस बैंक में फंसा है, वो नो नहीं होगा. यस बैंक की खराब हालत के मद्देनजर निकासी की रकम सिर्फ 50 हजार फिक्स होने के बाद खाताधारकों में अफरातफरी मची है. कोई खाताधारक रो रहा है तो किसी को ये डर सता रहा है कि कहीं उनकी जमा पूंजी डूब ना जाए. यस बैंक ने जिन कंपनियों को लोन दिया, उनमें अधिकतर घाटे में हैं और दिवालिया होने की कगार पर हैं. इससे बैंक का लोन फंस गया. जब कंपनियां डूबने लगीं तो बैंक को भी नुकसान का सामना करना पड़ा है. देखिए 10 तक में खास रिपोर्ट.