साल 2020. अगर इसे मायूसियों का साल कहें तो गलत क्या है? कभी दंगे, कभी ऐसी दहशत, डर, और मायूसी देखी है? शायद नहीं. लोग जीने के लिए भी मर रहे हैं. कोरोना ने ऐसी त्रासदी मचाई कि खुद मरीज अपना ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर अस्पताल में दाखिल हुआ. चीखते-चील्लाते लोग, इलाज को तरसते लोग और प्राकृतिक आपदा. इस साल भूकंप भी खूब आया. आसमान से फसलों पर टिड्डी दलों का हमला भी हुआ. कई जगहों पर तूफान और आंधी की ऐसी त्रासदी आई जिसने तबाही में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. यह वही साल है जिसमें लोगों ने जीने की उम्मीद तक छोड़ दी. कुछ सितारों ने साथ छोड़ा, तो कुछ सितारे खुद अलविदा कह गए. लोग अंतिम विदाई तक न दे सके. यह साल अपनों के लिए तरसती आंखों का भी साल है. देखें दस्तक, श्वेता सिंह के साथ.
In this report by Shweta Singh, watch what are the things which change the year 2020. 2021 will be a new year and a new beginning. From the Delhi riots, LOC Tension, SSR Case, COVID, US Elections. But Coronavirus has changed lives around the world. Every sector hit hardly by the pandemic. Loss of life, losing jobs, and meeting remotely. Watch the video to know more.