13 मई 1952 को पहली बार संसद में कामकाज शुरू हुआ था. तब से लेकर अब तक इन साठ सालों में संसद ने खुशियों के हजारों मंजर देखे, तो दर्द की काली परछाइयां भी देखी. साठ साल पहले और आज की संसद में जमीन आसमान का फर्क आ गया है. उन दिनों एक से बढ़कर एक विद्वान और दिग्गज संसद पहुंचे थे और बहस ऐसी होती थी कि सुनने और देखने वाले दांतों तले उंगलियां दबा लेते थे.