आठ साल पहले 18 मई 2004 को पूरे देश ने अनोखा सियासी नजारा देखा था. तब लोकसभा चुनावों के नतीजे आए थे, यूपीए ने बहुमत जुटा लिया था. माना जा रहा था कि सोनिया गांधी ही होंगी देश की प्रधानमंत्री, लेकिन ऐन वक्त पर सोनिया ने अपना नाम वापस ले लिया. विपक्ष ने कहा कि राष्ट्रपति कलाम ने उन्हें रोका था, लेकिन अब उस वक्त के राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने ये खुलासा किया है कि उस वक्त सोनिया चाहतीं तो प्रधानमंत्री बन सकती थीं.