घनघोर भ्रष्टाचार से जूझते आम आदमी के पास थप्पड़ का ब्रह्मास्त्र है. अब भ्रष्टाचार को थप्पड़ का वार ही भगा सकता है. सब्र की सीमा टूट चुकी है, यह मानना है गांधीवादी तरीके से भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन चलाने वाले अन्ना हजारे का. भ्रष्टाचार पर बनी एक फिल्म देखने के बाद अन्ना ने ऐसा बयान दिया. अन्ना के इस रुख पर हड़कंप मच गया है.