पाकिस्तान के राष्ट्रपति बनने के बाद साल 2008 से अब तक आसिफ अली जरदारी ‘बुरी नजर’ से बचने के लिए काले रंग के सैकड़ों बकरों की कुर्बानी दे चुके हैं.