अन्ना के आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री ने अन्ना को चिट्ठी लिखकर अन्ना हजारे को भरोसा दिलाया था कि शीतकालीन सत्र में लोकपाल बिल को पारित कर दिया जाएगा. लेकिन प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाने के सवाल पर ही बवाल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा.