समाजसेवी अन्ना हजारे और उनकी टीम के तमाम विरोध के बावजूद यूपीए सरकार ने संसद में लोकपाल बिल पेश कर दिया. पीएमओ में मंत्री नारायण सामी ने लोकसभा में ये बिल पेश किया और फिर इसे स्टैंडिंग कमेटी के पास भेज दिया गया. इस विधेयक में प्रधानमंत्री को प्रस्तावित भ्रष्टाचार निरोधी निकाय के दायरे से बाहर रखा गया है. इस पर मुख्य विपक्ष दल भाजपा ने आपत्ति जताई.