क्या भारत में पाकिस्तानी कलाकारों के प्रदर्शन पर बैन लगना चाहिए? जब भी राज ठाकरे कोई बात कहते हैं तो देश के तथाकथित उदारवादी और कुछ हद तक मीडिया के लोग भी उसे राज ठाकरे की संकीर्ण मानसिकता और मौकापरस्त एजेंडे का हिस्सा बताते हुए नजरअंदाज कर देते हैं.