सियासत में कहते कुछ और हैं तो करते कुछ और हैं. सरकारी खर्च पर सोनिया गाँधी के विदेश यात्रा का मुद्दा उठा कर नरेन्द्र मोदी बैकफुट पर आ गए. अपनी गलतबयानी पर मोदी माफी की बात तो करते रहे, लेकिन केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश भाषणों में चीख चीख कर करते रहे. लेकिन ये पहला मौका है कि मोदी के जुमलों में दहाड़ती आवाज की जगह है सहमी हुई सफाई.