योजना आयोग की नई सिफारिशों पर सरकार बुरी फंस गई है. गरीबी रेखा के नए मापदंड पर सरकार को विरोधियों के साथ-साथ सहयोगियों ने भी घेर लिया है. कुछ मांगें तो मोंटेक सिंह हटाने की उठी तो कुछ ने प्रधानमंत्री को भी गरीबों के नाम पर धोखे का जिम्मेदार ठहरा दिया है.