क्या मुट्ठी भर लोग तय करेंगे कि किस मुद्दे पर क्या बोलना है? ये सवाल उठा है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में तीन युवकों ने मशहूर वकील और टीम अन्ना के सदस्य प्रशांत भूषण पर हमला कर दिया. हमला इतनी तेजी से हुआ कि किसी को कुछ समझने तक का मौका नहीं मिला.