मायावती के काफिले के आगे रोती बिलखती भागती रही सुनीता कि उसे बस मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात कहनी है. अपने पापा के लिए इंसाफ की गुहार लगाती हुई वो काफिले के आगे लेट गयी लेकिन काफिला बढ़ गया.