उत्तराखंड में दर्जनों बस्तियों की बर्बादी रोकी जा सकती थी. सैकड़ों जानें बचाई जा सकती थीं. हजारों घर बचाए जा सकते थे और बचाया जा सकता था इस सुंदर सूबे को बर्बादियों का टापू बनने से. अगर संविधान की शपथ लेकर राज करने वाली सरकारों ने झूठ न बोला होता था. जी हां आपकी चुनी हुई सरकारों ने आपसे झूठ बोला है. इसरो की मौसम इकाई मोसदैक की रिपोर्ट आजतक के पास है.