चार साल पहले 2009 के चुनाव में एक भाषण ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया था. बीजेपी नेता वरुण गांधी पर सात और आठ मार्च 2009 को पीलीभीत जिले के डालचंद और बरखेड़ा में भड़काऊ भाषण देने का केस दर्ज हुआ. कई दिनों तक वो सलाखों के पीछे भी रहे. चार साल बाद 33 साल के वरुण गांधी बेदाग हैं. कोर्ट में जो गवाह पलट गए थे, वही गवाह तहलका-आजतक के स्टिंग ऑपरेशन में यू-टर्न लेते कैद हुए हैं. इन गवाहों ने खुलासा किया कि कैसे केस का गला घोंटा गया और वरुण सबूत के अभाव में बेदाग बरी हो गए.