20 साल का एक ऐसा बहुरुपिया जिसने बाप से बगावत करके बारूद से दोस्ती की और ऐसी की कि न बच्चों को देखा, न बुजुर्गों को, न औरतों को और न नौजवानों को. मौत उसके जीवन का मकसद था और कोहराम जीने का तरीका. जिस रियाज भटकल को 12 राज्यों की पुलिस 6 साल से ढूंढ रही थी, उसे एनआईए ने दबोच लिया. सवाल है कि अगर हम अब्दुल करीम टुंडा को पकड़ सकते हैं, यासीन भटकल को पकड़ सकते हैं तो दाऊद इब्राहिम को क्यों नहीं.